संदेश

जानिए पानी पीने का सही तरीका।

नमस्कार मित्रों हमारा शरीर में ७० प्रतिशत पानी है, इस लिए पानी सही ढंग से पिएं। इससे आपके स्वास्थ्य से अनेक समस्याओं का समाधान स्वतः हो जायेगा। पानी पीते समय ध्यान देने योग्य बातें– पानी हमेशा बैठ कर पिएं।  पानी आराम से घूंट घूंट करके पिएं। पानी हमेशा लोटे में पिएं।  फ्रिज का पानी कभी न पिएं।  संभव हो तो मिट्टी के घड़े में रखा पानी पिएं।  प्रतिदिन औसतन 2 से 3 लीटर पानी पिएं, गर्मी अधिक होने पर 3 से 4 लीटर पानी पिएं। भोजन के तुरन्त पहले और तुरन्त बाद में पानी कभी न पिएं। भोजन करने से एक घंटे पहले भोजन के 1 घंटे बाद पानी पिएं।

क्रोनिक किडनी डिजीज के लिए घरेलू उपचार

किडनी की बीमारी की वह स्थिति जिसमे दोनो किडनिया खराब हो जाती हैं, डॉक्टर अपने हाथ खड़े कर देते हैं, जो तुरन्त किडनी डायलिसिस का सुझाव देते हैं, उसकी सीमा टूटने के बाद किडनी ट्रांसफॉर्मेशन लाखो का खर्च होता है। फिर भी आगे जीवन कितना दिन चलेगा कुछ कहा नहीं जा सकता। आयुर्वेद में इस भयंकर बीमारी का सरल उपचार है।  एक चौथाई कप पीपल के पत्ते का रस तथा एक चौथाई कप नीम के पत्ते का रस सुबह शाम ले, एक सप्ताह में आराम मिल जायेगा किन्तु इसे लगभग तीन माह तक जारी रखें। रोगी की किडनी पहले जैसे स्वस्थ हो जायेगी।

तंबाकू गुटखा बीड़ी सिगरेट शराब हर तरह का नशा छुड़ाने का घरेलू उपाय।

१–नाड़ी शोधन प्राणायाम:– चंद्र नाड़ी को सक्रिय करने का प्रयास करें, विधि:– सर्वप्रथम आराम से सुखासन (पालथी मार कर) मे बैठ जाएं, फिर नासिका के दाएं छिद्र को बंद करके बाएं छिद्र स्वास अंदर लें और बाहर छोड़ें, अपनी सामर्थ्य अनुसार दो मिनिट पांच जितना कर सके नियमित इसका अभ्यास करें इससे चंद्र नाड़ी सक्रिय होती है, और मन की संकल्प शक्ति बढ़ती है। जिससे सरलता से व्यसनों से दूर रहा जा सकता है। २–अदरक:– अदरक प्रत्येक घर की रसोई में सरलता से मिल जाता है, इसके छोटे छोटे टुकड़े करके इसमें नींबू और काला नमक मिला लें, और इसे धूप में सुखा कर रख लें, जब ये अच्छे से सुख जाए तो इसके टुकड़ों को मुंह में रख कर चूसें। दांत से काटे नही बस चूसना है। ऐसा करने से व्यक्ति को तंबाकू गुटखा सिगरेट शराब किसी की भी तलब नही लगेगी।

हर प्रकार के सिर दर्द, खर्राटे, नाक बंद होना, नजला जुकाम का घरेलू उपचार

सभी मित्रों को नमस्कार। आज आपको सभी प्रकार के सिर दर्द का रामबाण उपचार बताएंगे जो एक दम निःशुल्क आपको बिना कोई अतिरिक्त पैसा दिए आपका उपचार सुगमता और सरलता से हो जाएगा। तो पहला उपचार है मेथी का दाना आधा चम्मच रात को पानी में भिगो दें और सुबह उठकर उसे इसे अच्छे से चबाकर पानी पी लें, सिर दर्द गायब हो जायेगा। दूसरा उपचार अत्यन्त सरल और उपयोगी है। देसी गाय का घी वर्तमान में देशी गाय का घी मिलना लगभग असम्भव है, इसलिए आप सामान्य घी का उपयोग भी कर सकते हैं, देशी गाय का घी तो अमृत है। किन्तु लाभ साधारण गाय के घी से भी हो जायेगा। आप रात्रि में सोने पहले हल्का गुनगुना घी अपने नाक के दोनो छिद्रों में एक एक बूंद डाल लें, और सो जाए, यह उपचार आप तब भी कर सकते जब आपका नाक बंद हो जाता हो, बार बार नजला, जुखाम होता हो, नाक से पानी गिरता हो या खून गिरता हो, सोते समय खर्राटे आते हो। इन सभी के लिए आप गाय के घी उपयोग करें अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। धन्यवाद।

पेंचिस और दस्त का घरेलू उपचार

सर्व प्रथम बागभट्ट जी के ग्रंथ का अमृत रस निचोड़ कर हम जनमानस तक पहुंचाने वाले श्रद्धेय राजीव दीक्षित जी कोटि कोटि प्रणाम। यदि आप पेचिस से परेशान हैं, और उसके लिए डॉक्टर के पास जाकर आपको पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं तो अब से नही करने पड़ेंगे।  पहला कच्चा दूध:  एक गिलास कच्चे दूध में थोड़ा सा नींबू डाल कर जल्दी से पी लीजिए। आपके पेचिस के लिए राम बाण सिद्ध होगा। जीरा:–आधा चम्मच जीरा ले लीजिए और उसे अच्छे से चबाइए, फिर गुनगुना पानी पी लीजिए एक ही खुराक में आपकी पेचिस ठीक हो जाएगी। आपको कोई अन्य समस्या हो तो कमेंट करके बताएं आपको उसका विश्वसनीय इलाज बताया जाएगा।

ये नववर्ष हमे स्वीकार नहीं है। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी।

ये नव वर्ष हमें स्वीकार नहीं है अपना ये त्यौहार नहीं है अपनी ये तो रीत नहीं है अपना ये व्यवहार नहीं धरा ठिठुरती है सर्दी से आकाश में कोहरा गहरा है बाग़ बाज़ारों की सरहद पर सर्द हवा का पहरा है सूना है प्रकृति का आँगन कुछ रंग नहीं , उमंग नहीं हर कोई है घर में दुबका हुआ नव वर्ष का ये कोई ढंग नहीं चंद मास अभी इंतज़ार करो निज मन में तनिक विचार करो नये साल नया कुछ हो तो सही क्यों नक़ल में सारी अक्ल बही उल्लास मंद है जन -मन का आयी है अभी बहार नहीं ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं है अपना ये त्यौहार नहीं ये धुंध कुहासा छंटने दो रातों का राज्य सिमटने दो प्रकृति का रूप निखरने दो फागुन का रंग बिखरने दो प्रकृति दुल्हन का रूप धार जब स्नेह – सुधा बरसायेगी शस्य – श्यामला धरती माता घर -घर खुशहाली लायेगी तब चैत्र शुक्ल की प्रथम तिथि नव वर्ष मनाया जायेगा आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर जय गान सुनाया जायेगा युक्ति – प्रमाण से स्वयंसिद्ध नव वर्ष हमारा हो प्रसिद्ध आर्यों की कीर्ति सदा -सदा नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अनमोल विरासत के धनिकों को चाहिये कोई उधार नहीं ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं है अपना ये त्यौहार नहीं ...

वजन कम करने के लिए घरेलू उपाय।

गुनगुना पानी– जिनका वजन बढ़ा हुआ है, वह सुबह और रात गुनगुने पानी का सेवन करें, संभव हो दोपहर में भी पिएं। शहद– गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद डाल कर सुबह खाली पेट लें, वजन घटाने में लाभप्रद होगा। भोजन में परहेज– चावल से परहेज करें। तैलीय भोजन से परहेज करें। सुबह की सैर– सुबह कम से कम 20 मिनट पैदल चलें हल्का हल्का दौड़े तो और लाभप्रद होगा, सुबह न हो सके तो शाम पैदल घूमने जाएं, पैदल चलें तो थोड़ा तेज चलने का प्रयास करें। व्यायाम– वजन घटाने के लिए रस्सी कूदना सबसे बेहतर व्यायाम है। भारी वजन होने से यह कठिन लगेगा किन्तु धीमे धीमे शुरू करें, एक बार में जितना कूद पाएं कूदें फिर प्रयास करें, ऐसा कम से कम 15 मिनट तक प्रयास करें, धीरे आपका वजन घटने लगेगा और आप रस्सी भी अच्छे कूदने लगेंगे। इन सब सरल उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप अपना वजन कम कर सकते हैं। धन्यवाद। जानकारी अच्छी लगे तो कॉमेंट में जरूर बताएं।  आपका कॉमेंट हमारे लिए फीडबैक होगा।

वजन बढ़ाने का घरेलू उपाय

केला–  वजन बढ़ाने में केला बहुत सहायक है, दूध के साथ इसका सेवन नियमित रूप से करें, दो सप्ताह में फर्क दिखने लगेगा। दही– वजन बढ़ाने के लिए दही बहुत उपयोगी है, एक कटोरी दही(सजाव) में चीनी मिलाकर खाएं, गुड़ हो तो और भी अच्छा है। प्रयास करें कि दही का सेवन दोपहर में करें, शाम हो जाए कोई बात नही किन्तु रात्रि में दही का सेवन न करें। आलू– वजन बढ़ाने के आलू भी बहुत मददगार है, इसे उबाल कर सुबह नाश्ते में ले सकते हैं। छुहारा– वजन बढ़ाने में छुहारा भी लाभप्रद है, दो चार छुहारा रात में भिगो दें, सुबह उसका सेवन करें। सावधानी– कफ के मरीज केला और दही से सेवन से बचें। धन्यवाद।

डेंगू मलेरिया, चिकनगुनिया सभी प्रकार के ज्वर का आयुर्वेदिक उपचार

1– हरसिंगार के 5 पत्ते की चटनी बनाकर एक गिलास पानी में उबालें, इतना उबालें कि पानी आधा बचे। उसे चाय की तरह आराम से पी लें। दिन में दो बार(सुबह, शाम) तीन दिन तक। गठिया रोग में 3 माह तक इसका सेवन करें। 2– तुलसी का 20 पत्ता और 3,4 दाना काली मिर्च पीसकर पानी में उबाल लें, इतने उबालें कि पानी आधा बचे। उसे चाय की तरह आराम से पी लें, बहुत तेज ज्वर (बुखार) होने पर दिन में तीन बार दो से तीन दिन इसका सेवन करें। बुखार में आराम मिल जायेगा। हल्के ज्वर में दिन में दो बार सेवन करें। 3– नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय( बंवर जैसे चढ़ी हुई होती है) को चार अंगुल की नाप की काट एक गिलास पानी में उबालें, तब तक जब तक पानी आधा न हो जाए। इसे ठंडा करके आराम से छोटे छोटे घूंट पिएं। यह दिन में दो बार दो दिन तक पिएं। बुखार जड़ से खत्म हो जाएगा। धन्यवाद।  

वीर्य नाश से होने वाली हानियां

हस्तमैथुन से वाली शारीरिक एवं मानसिक हानि –मानसिक कमजोरी आना। –अकारण सदा दुखी रहना, शीघ्र क्रोधित होना। –चिड़चिड़ा होना। –चेहरे से चमक गायब हो जाना जल्द ही बुड्ढा हो जाना। –याददास्त कम हो जाना। –वजन कम हो जाना। –बालों का समय से पहले सफेद एवं गिर जाना। –आंखे अन्दर धंसने लगेगी, नजर कमजोर हो जायेगी। –गाल पिचक जायेंगे, झुर्रियां निकल आयेंगी। –खुद के लिए हीन भावना। –लोगों से बात करते हुए, घबराहट महसूस होना। –अकेले रहने की आदत पड़ना। –आत्महत्या का विचार आने लगेगा। –पाचन शक्ति का कमजोर होना। –शरीर का दुबला होना। –अधिक हस्तमैथुन से शुक्राणुओं की कमी हो जाती है।           जिससे संतान उत्पत्ति में भी बाधा आती है। –अधिक हस्तमैथुन से व्यक्ति का आत्मविश्वास समाप्त हो     जाता है। –अधिक वीर्य नाश करने से हृदय कमजोर हो जाता है। यदि व्यक्ति अपने जीवन में ऊंचाइयों को छूना चाहता है, उसे इस लत से बच के रहना चाहिए। बाकी पृथ्वी पर ही नर्क का अनुभव करने वालो के लिए कोई रोक टोक नही है। ·